महात्मा गांधी योजना: अगर आप बेरोजगार है या आप मनरेगा कार्ड बनवाना चाहते हैं तो आज की ये पोस्ट आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। गांधी योजना यानी की राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम NREGA जिसकी शुरुआत केंद्र सरकार के द्वारा की गई थी। नरेगा योजना 1991 में पीवी नरसिंह राव की सरकार में लाई गई थी।
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को अधिनियमित कर के 23 अगस्त 2005 को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम कर दिया गया इस लिए इस योजना को महात्मा गांधी योजना के नाम से जाना जाता है। महात्मा गांधी योजना के बारे में आसान भाषा में सभी जानकारि के लिए जुड़े रहें लेख के अंत तक।
महात्मा गांधी योजना क्या है ?
महात्मा गांधी केंद्र सरकार की ओर से लाई हुई ग्रामीण बेरोजगार युवाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण योजना है, यह योजना ग्रामीण विभाग सरकार मंत्रालय की तरफ से लाया गया था। महात्मा गांधी योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के 18 वर्ष से अधिक उम्र के बेरोजगार युवाओं को जिन्हे काम करने की इच्छा हो उन्हे रोजगार दिया जाता है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह है की बेरोजगारी कम की जाए, ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों की ओर होते पलायन को घटाया जाए, बेरोजगार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाए।
महात्मा गांधी योजना के मुख्य बातें
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में ग्रामीण क्षेत्रों के काम करने की इच्छा रखने वाले बेरोजगार युवाओं को काम करने के अवसर प्रदान किए जाते हैं। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के बेरोजगार युवाओं को 5 किमी के भीतर ही रोजगार दिया जाता है।
महात्मा गांधी योजना के नियमानुसार पंजीकरण के 15 दिन में ही रोजगार दी जाती है। इस योजना के तहत मजदूर नागरिकों को प्रतिवर्ष 100 दिन रोजगार दिया जाता है और कम-से-कम 90 दिन काम करने वाले श्रमिकों को अन्य योजनाओं के भी लाभ मिलते हैं। नरेगा के अंतर्गत प्रतिदिन 100 रुपए दिए जाते थे जिसे बढ़ा कर मनरेगा के समय में 202 रुपए प्रतिदिन किए गए थे लेकिन अब इसी योजना के तहत मजदूर नागरिकों को 303.45 रुपए प्रतिदिन दिए जाते हैं।
किन्ही कारणोंसर अगर सरकार रोजगार देने में असमर्थ रहती है तो वो बेरोजगार भत्ता देती है। महात्मा गांधी रोजगार योजना के तहत मजदूरों को सड़क निर्माण, आवास निर्माण, वृक्षारोपण, सिंचाई, गौशाला निर्माण, चिकित्सालय निर्माण आदि सरकारी निर्माणों का काम दिया जाता है।
महात्मा गांधी योजना की पात्रता क्या है ?
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लाभ लेने के लिए कुछ सामान्य पात्रता तय की गई है जो इस योजना का लाभ लेने के लिए नागरिक में होनी जरूरी है।
जैसे की –
- व्यक्ति भारत का स्थाई नागरिक होना चाहिए यानी की इस योजना का लाभ सिर्फ उन्ही नागरिकों को मिलेगा जिनके पास निवास का प्रमाणपत्र है।
- व्यक्ति की उम्र न्यूनतम 18 वर्ष होनी चाहिए, व्यक्ति की काम करने की इच्छा होनी चाहिए।
महात्मा गांधी योजना के लिए जरूरी दस्तावेज
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मे पंजीकरण करने के लिए कुछ जरूरी दस्तावेजों का होना जरूरी है। पंजीकरण के बाद ही नागरिक को जॉब कार्ड दिया जाता है जिसमे नागरिक का नाम, पता, मोबाइल नंबर, जॉब कार्ड नंबर, राज्य, जिला, तहसील का नाम, गांव , बैंक खाता नंबर, कार्ड की वैलिडिटी की तारीख आदि होते हैं। पंजीकरण के लिए नीचे बताए हुई ये दस्तावेज जरूरी है।
- निवास प्रमाणपत्र
- आधार कार्ड की नकल
- दो पासपोर्ट साइज फोटो
- आय प्रमाणपत्र
- पान कार्ड की नकल
- बैंक पासबुक की नकल
महात्मा गांधी योजना के लिए आवेदन कैसे करें ?
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना यानी की मनरेगा में आप ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन आसानी कर सकते हैं और आसानी से अपना पंजीकरण करवा सकते हैं। महात्मा गांधी योजना में ऑफलाइन आवेदन करने के लिए आपको अपने सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ अपनी सभी जरूरी और सही जानकारियां जैसे की सही नाम, मोबाइल नंबर, कैटेगरी आदि के साथ अपने ग्राम प्रधान के पास जा कर आवेदन कर सकते हैं।
मनरेगा में ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आप घर बैठे अपने एंड्रॉयड फोन में या किसी साइबर कैफे में जा कर आसानी से आवेदन कर सकते हैं। मनरेगा में ऑनलाइन आवेदन आप मनरेगा की साइट nrega.nic.in पर जा कर आसानी से कर सकते हैं और अपना पंजीकरण करवा के जॉब कार्ड निकलवा सकते हैं।
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